Keyboard (Keyboard) क्या है? इन हिंदी
की-बोर्ड (Key board)- यह कम्प्यूटर की प्रमुख इनपुट डिवाइस में से एक है. इसके उपयोग से कम्प्यूटर में टेक्स्ट (अक्षर) न्यूमेरिकल की एंट्री कर सकते हैं. की-बोर्ड सभी अक्षर टाइपराईटर की तरह क्रम से होते हैं, परन्तु की-बोर्ड में टाइपराइटर से ज्यादा बटन होते हैं. इसमें कुछ फंशन बटन भी होती हैं. जिनको बार बार किये जाने वाले कार्यों के लिए निर्धारित किया जाता है. जैसे F1 बटन को सहायता के लिए प्रयोग किया जाता है. इसे कम्प्यूटर से जोड़ने कस लिए लिए एक पोर्ट बना होता है पहले के कम्प्यूटरों में PS/2 पोर्ट बने होते थे और PS/2 की-बोर्ड भी आते थे परन्तु आज के समय में USB की-बोर्ड भी आने लगे साथ ही वायरलेस की-बोर्ड भी आने लगे हैं. जिन्हें कम्प्यूटर से जोड़ने के लिए USB पोर्ट का प्रयोग किया जाता है. और इसके उपयोग से कम्प्यूटर में टेक्स्ट (अक्षर) न्यूमेरिकल की एंट्री कर सकते हैं. की-बोर्ड में पाँच प्रकार के महत्वपूर्ण की (Keys) होती हैं.
(1) - अल्फाबेट की (Alphabet Key)- इस कीबोर्ड में 26 अल्फाबेट की (Keys) A से Z तक होते हैं, जिनका उपयोग दज हम किसी भी शब्द या अक्षर को लिख सकते हैं.
(2) - संख्यात्मक की (Numeric Keys)) - ऐसी की (Keys) का प्रयोग नम्बर/अंक टाइप करने के लिए किया जाता है. इनपर 0 से 9 तक के संख्या अंकित रहते हैं. कीबोर्ड के दाहिने तरफ अंक लिखने के लिए संख्याताम्क की-पैड दिया रहता है इसमें 0 से 9 तक के अंक, जोड़, घटाव, गुणा, भाग तथा दशमलव की बटन होती है.
(3) - फंक्शन की (Function Keys)- यह की-बोर्ड में सबसे ऊपर स्थित होते हैं. इस बटनों में F1 से लेकर F12 तक अंकित होते हैं. इनका प्रयोग बार-बार किये जाने वाले कार्य को करने के लिए पहले से निर्धारित रहता है. अतः इनके प्रयोग से समय की बचत भी होती है.
(4) - कर्सर कंट्रोल की (Cursor Control Key)- इन की (Keys) का उपयोग स्क्रीन पर कर्सर को कहीं भी ले जाने के लिए प्रयोग होता है. ये चार अलग - अलग दिशाओं को इंगित करता है. इसे चार तीर के निशान से दर्शाया रहता है. जिसे ऐरो की (Arrow Key) कहा जाता है. इसको दायाँ (Right), बायाँ (Left), ऊपर (Up), नीचे (Down) ऐरो-की कहते हैं.
ऐरो-की के ठीक ऊपर कर्सर को नियंत्रित करने के लिए चार और बटन दिए रहते हैं.
होम (Home)- कर्सर को लाइन के आरंभ में ले जाने के लिए इस बटन का उपयोग होता है.
एंड (End)- कर्सर को लाइन के अंत में जाने के लिए इस बटन का उपयोग किया जाता है.
पेज अप (Page Up)- कर्सर को एक पेज पीछे यानी ऊपर ले जाने के लिए होता है.
पेज डाउन (Page Down)- कर्सर को अगले पेज पर यानी नीचे पेज पर जाने के लिए होता है.
(5) स्पेशल परपस की (Special Purpose Keys)-
कैप्स लॉक की (Caps Lock Key)- यह एक प्रकार की टाँगल बटन होती है. इस बटन को एक बार प्रेस करने पर सक्रीय या दूसरी बार पुनः इसे ही प्रेस करने पर निष्क्रिय हो जाता है. इसे सक्रिय (On) रखने पर सभी अक्षर कैपिटल लेटर में लिखा जाता है. जिसे कंप्यूटर में Upper Case कहा जाता है. इस बटन को पुनः दबाकर निष्क्रिय करने पर स्माल लेटर में लिखा जाता है. इसे कंप्यूटर में Lower Case कहा जाता है.
नम लॉक की (Num Lock Key)- यह भी एक प्रकार की टाँगल बटन होती है. इसके सक्रिय (On) रहने पर की-बोर्ड के संख्यात्मक की-पैड चालू रहता है, और निष्क्रिय (Off) रहने पर संख्यात्मक की-पैड डिरेक्सनल ऐरो के रूप में कार्य करने लगता है.
शिफ्ट की (Shift Key)- यह एक तरह की संयोजन बटन (Combination Key) होती है. इसको किसी और बटन के साथ उपयोग किया जाता है, की-बोर्ड पर जिस भी बटन पर दो Character अंकित रहते हैं तो ऊपर वाले Character को टाइप करने के लिए शिफ्ट बटन के से साथ उपयोग किया जाता है.
जैसे -
की-बोर्ड पर 3 के ऊपरी भाग में # Character है तो # को टाइप करने के लिए शिफ्ट के साथ # बटन दबाते हैं तो # टाइप होगा नहीं तो 3 टाइप होगा.
अगर कैप्स लॉक On है तो कोई अक्षर स्माल लेटर (Lowercase) में टाइप करने के लिए शिफ्ट के साथ दबाया जाता है तो वह अक्षर स्माल लेटर (Lowercase) में टाइप होगा नहीं तो कैपिटल लेटर (Upper Case) में टाइप होगा.
अगर कैस्प लॉक Off है तो कोई अक्षर कैपिटल लेटर (Upper Case) में टाइप करने के लिए शिफ्ट के साथ दबाया जाता है तो वह अक्षर कैपिटल लेटर (Upper Case) में टाइप होगा नहीं तो स्माल लेटर (Lowercase) में टाइप होगा.
की-बोर्ड में शिफ्ट बटन दो स्थानों पर होता है.
इंटर की (Enter Key)- कमांड, नाम अथवा प्रोग्राम नाम को निष्पादित या शुरू करने केलिए इसका उपयोग किया जाता है. डाक्यूमेंट्स में एक पंक्ति का अंत एवं नए पंक्ति को शुरू करता है.
इंटर बटन की-बोर्ड में दो जगह पर होती है.
टैब की (Tab Key)- यह कर्सर को निश्चित दूरी तक एक बार में ले जाता है और ब्राउजर पेज में दूसरे लिंक पर ले जाने के लिए होता है. वर्ड (Word) या एक्सेल (Excel) में टेबल के एक वर्ग से दूसरे वर्ग में जाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है.
एस्केप की (Esc - Escape Key)- यह एक कैंसिल बटन के सामान्य है. लोड हो रहा वेब पेज इसके प्रयोग से रुक जाता है, पॉवर पॉइंट में स्लाइड शो इसके प्रयोग से रुक जाता है, वेब पेज पर चलता हुआ एनीमेशन रुक जाता है, तथा Ctrl (Control) बटन के साथ उपयोग करने से Start मेनू खुल जाता है. जो प्रोग्राम कम्प्यूटर में चल रहा होता है या खुला रहता है उससे बाहर कर देता है या उसे बंद कर देता है.
स्पेस बार (Space Bar)- शब्दों के बीच में जगह के लिए इसका उपयोग किया जाता है.
बैक स्पेस की (Back Space Key)- इसका प्रयोग कर्सर के ठीक बाएं ओर के अक्षर, चिन्ह या जगह को मिटाने के लिए किया जाता है.
डिलीट की (Delete Key)- इसका प्रयोग कर्सर के ठीक दाएँ ओर के अक्षर, चिन्ह या जगह को मिटाने के लिए किया जाता है. इसके द्वारा सिलेक्टेड अक्षर, शब्द, लाईन, पेज, या फाइल को मिटाया जा सकता है.
कंट्रोल की (Ctrl - Control Key)- यह भी एक Combination Key है. जो किसी और बटन के साथ मिलकर किसी विशेष कार्य को करता है. इसका कार्य विभिन्न सॉफ्टवेयर के साथ बदलता रहता है.
जैसे Ctrl+C से कॉपी करना तथा Ctrl+V से पेस्ट करना आदि और भी बहुत सारे Ctrl बटन के साथ कार्य किये जाते हैं की-बोर्ड पर दो कंट्रोल बटन होते हैं. Ctrl+Alt+Delete तीनों बटनों को एक साथ दबाने पर स्टाक मनेजर का विंडो खुल जाता है तथा इससे Ctrl+F4 दबाकर किसी भी प्रोग्राम को बंद किया जा सकता है.
प्रिंट स्क्रीन की (Print Screen Key)- इस को शिफ्ट की (Key) के साथ उपयोग स्क्रीन पर प्रदर्शित फोटो या फाइल को को प्रिंट किया जा सकता है.
स्क्रॉल लॉक की ( Scroll Lock Key)- यह टेक्स्ट या रन कर रहे प्रोग्राम को अस्थाई रूप से एक स्थान पर रोकता है. फिर से टेक्स्ट या प्रोग्राम को सक्रिय करने के लिए इसी बटन का दुबारा प्रयोग करना पड़ता है.
पॉज की (Pause Key)- यह की-बोर्ड के दायें तरफ स्थित होता है. यह अस्थाई तौर पर चल रहे प्रोग्राम को रोक देता है तथा किसी बटन को दबाने पर फिर से प्रोग्राम चलने लगता है. जैसे कम्प्यूटर गेम में अस्थाई तौर पर गेम को रोकने के लिए इस बटन क उपयोग होता है.